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INTERESTTING AND KNOWLEDGEABLE

अपनी गलती स्वयं खोजे
स्वयं खोजे अपनी गलतियाँ -
जैसा कि शीर्षक में लिखा हुआ है , कि अपनी गलतिया स्वयं खोजे ,अपने आप में ऐसा लगता है कि ,क्या वाकई मैंने गलतिया की है ,
किन्तु जब भी किसी क्षेत्र में आपको असफलता लगती है , तो आत्म -अवलोकन कीजिये बड़े ही ठंडे दिमाग से सोचिये की आपमें ऐसी कोन सी कमी रह गई। जो आया हुआ अवसर भी आपके हाथ से निकल गया।?
दूसरों पर दोषारोपण करने के बजाये स्वयं में अपने आप में खामियों को क खोजिये ,और संभवतः यह कोशिश अवश्य करे किअ गली बार जब ऐसा मौका आये तो असफलता का सामना न करना पड़े !
और अगली बार सफलता आपके कदम चूमे !
आधुनिकरण का युग :-
आज का युग कम्प्यूटर का युग है ,ये सभी जानते है की प्रतियोगी -परक्षाएं एवं उनकी उत्तर पुस्तिकाएं भी कम्प्यूटर के माध्यम से ही जाँची जाती है !अतः ऐसे में किसी को कम और किसी अन्य प्रतियोगी को ज़्यादा अंक मिलने की संभावना कैसे है ! जितने उत्तर सही होंगे उतने ही अंक मिलेंगे! लेकिन इन सब में अपनी कमियां कोई नहीं देखता।
जो लोग विश्वविद्यालय अथवा प्रतियोगी परीक्षा में असफल हो जाते वे तरह -तरह के वहाने बनाते हुए नज़र आते है जैसे की "पेपर आउट ऑफ़ कोर्स "आया दूसरा वहाना तो इससे भी असर दार ऐसा पेपर तो पिछले १० सालों में नही पूछा गया ! क्या ये सच है ?नहीं जहा एक बहाने बना -बना कर खुद को एव्वं अपने परिवार को सांत्वना देते रहते है ,वही दूसरी ओर अन्य प्रतियोगी उसी परीक्षा में सफल होकर अपना एवं अपने परिवार का मान बड़ा रहे होते है। इन सब में दोष किसी का नहीं है कोई नहीं है आपको रोकने - टोकने वाला क्योकि आपका जीवन आपको स्वयं बनाना है ,न कि खुद से गद्दारी करके मिटाना है ! पर है दोनों आपके ही हाथो में , जो चाहो सो कर सकते हो !
जानकारी का होना है ज़रूरी :-
--परोपकार की परिणीति :-
--प्रकृति से सीखे :-
----अहंकार का त्याग :-

अच्छी नौकरी एवं देश सेवा का ज़ज़्बा हो तो" NDA सबसे बेहतर विकल्प !
प्रारूप -
खासियत -
- आत्मविश्वास है अहम -

डिफरेंट एग्जाम, डिफरेंट प्रिपरेशन
एनडीए की परीक्षा अन्य परीक्षाओं से काफी अलग होती है। अन्य परीक्षाओं में जहां मानसिक मजबूती देखी जाती है, तो वहीं इस परीक्षा में शारीरिक और मानसिक दोनों की मजबूती आवश्यक है। यही कारण है कि इस परीक्षा में उत्तीर्ण होनेवाले स्टूडेंट्स कम उम्र में ही सैन्य अधिकारी बन जाते है।
बारहवीं उत्तीर्ण जरूरी
एनडीए एंट्रेन्स टेस्ट के लिये अभ्यर्थी की आयु जारी अधिसूचना के अनुसार साढ़े 16 से 19 वर्ष के बीच होनी चाहिए। जो अभ्यर्थी आर्मी में प्रवेश पाना चाहते है, उनके लिए किसी भी संकाय से 12वीं या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। एयरफोर्स और नेवी में जाने के इच्छुक छात्रों के लिए मैथमेटिक्स और फिजिक्स से 12वीं या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। 12वीं की परीक्षा दे चुके छात्र भी एंट्रेस टेस्ट के लिए अप्लाई कर सकते है। लेंकिन उन्हें एसएसबी इंटरव्यू के समय 12वीं उत्तीर्ण करने का प्रमाण देना होगा। आवेदन करते समय छात्रों को स्पष्ट रूप से यह बताना होगा कि वे किस विंग में जाना चाहते है। हालांकि अंतिम चयन लिखित परीक्षा और एसएसबी में छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर ही होता है।
एग्जाम पैटर्न
एनडीए में प्रवेश के इच्छुक छात्रों को तीन चरणों में एंट्रेन्स टेस्ट से गुजरना होता है। सबसे पहले उन्हें यूपीएससी द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा में बैठना होता है। इसमें दो पेपर होते है- मैथ्स (300 अंकों का) और जनरल एबिलिटी (600 अंकों का)। दोनों ही पेपर ढाई-ढाई घंटे के होते है। सभी प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप के होंगे और गलत उत्तरों के लिये अंक काटे जाएंगे।
एसएसबी से ओएलक्यू की जाँच
रिटेन टेस्ट क्लियर करने वाले अभ्यर्थियों को सेना के सर्विस सेलेक्शन बोर्ड यानी एसएसबी द्वारा इंटरव्यू और व्यक्तित्व परीक्षण के लिये कॉल किया जाता है। इसका उददेश्य अभ्यर्थी की पर्सनैलिटी, बुद्धिमता और सेना में एक ऑफिसर के रूप में उसकी ऑफिसर लाइक क्वालिटी (ओएलक्यू) को जांचना होता है। एसएसबी के सेंटर कई शहरों में है और अभ्यर्थी को उसके निकटवर्ती सेंटर पर ही बुलाया जाता है। आमतौर पर एसएसबी इंटरव्यू पांच दिनों तक होता है, लेकिन इसमें पहले दिन स्क्रीनिंग टेस्ट ही होता है, जिसमें साइकोलॉजिस्ट टेस्ट देने होते है। इस दौरान उनका ग्रुप डिस्कशन यानी जीडी, साइकोलॉजिस्ट टेस्ट, इंटरव्यू बोर्ड तथा ग्रुप टास्क ऑफिसर द्वारा उनकी ओएलक्यू को जांचा-परखा जाता है। एनडीए परीक्षा के आधार पर अंतिम रूप् से चुने गये अभ्यर्थियों को नेशनल डिफेंस एकेडमी, खडगवासला, पुणे में तीन वर्ष की ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग के दौरान वे अपनी स्ट्रीम के अनुसार ग्रेजुशन की पढाई भी पूरा करते है। इसके लिये उनके पास फिजिक्स, कैमिस्ट्री, मैथ एवं कम्प्यूटर साइंस विष्यों के साथ बीएससी का या पोलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स, हिस्ट्री आदि विषयों के साथ बैचलर ऑफ़ आट्र्स यानी बीए का विकल्प होता है। हालांकि, ट्रेनिंग के पहले वर्ष में तीनों सेनाओं के लिये चयनित अभ्यर्थियों को एक ही कोर्स की पढाई करनी होती है। दूसरे साल में उनके द्वारा चुने गये बिंग यानी आर्मी, नेवी या एयरफोर्स के आधार पर उनके कोर्स का लिेबस बदल जाता है। एनडीए में तीन वर्ष की ट्रेनिंग के उपरान्त कैडेट्स को उनके द्वारा चुनी गई बिंग की विशेष जानकारी के लिये स्पेशल ट्रेनिंग पर भेजा जाता है। इसके तहत् आर्मी के लिये चयनित कैंडिडेट्स को इंडियन मिलिट्री एकेडमी (देहरादून), एयरफोर्स के कैंडिडैट्स को एयरफोर्स एकेडमी (हाकिमपेट) तथा नेवी के लिये चुने गए कैंडिडेट्स को नेवल एकडमी (लोनावाला) भेजा जाता है। ट्रेनिंग को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले कैडेट्स को उनके द्वारा चुने गए सेना के किसी एक बिंग में कमीशंड ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया जाता है। अगर आप इस पद के लिये गंभीर है, तो इसकी तैयारी शुरू कर दें।
- मैथमेटिक्स मैथमेटिक्स के प्रश्नों को हल करने के लिए काॅन्सेप्ट क्लियर रखें तथा तीन राउंड में प्रश्नों को हल करने की कोशिश करें। इससे आप अधिक से अधिक प्रश्नों का सही जवाब दे सकते है। शाॅर्टकट मेथड्स फायदेमंद होते है। मैंथ्स के लगभग सभी टाॅपिक से प्रश्न पूछे जाते है। इसलिए पूरे सिलेबस पर अपनी कमांड बनाए रखें।
- अंग्रेजी के पेपर में अधिक अंक आएं, इसके लिए रीडिंग पर खूब ध्यान देना चाहिए। इससे काम्प्रिहेंशन सवालों को हल करने में मदद मिलती है। इसके अलावा वोकाबुलरी को मजबूत बनाने, एंटोनिम्स और सिनोन्म्सि सेन्टेंस में ग्रामर संबंधी गलतियां पहचानने और टेंस व प्रीपोजीशन की प्रैक्टिस करने पर काफी ध्यान देना चाहिए। बेहतर रीडिंग के लिए इन बातों का ध्यान रखें। किसी समाचार-पत्र के संपादकीय को नियमित रूप से पढ़े। साथ ही सामान्य पत्र-पत्रिकाएं भी पढते रहें। फिक्शन, साइंस स्टोरी आदि पढ़ने का भी अभ्यास किसी भी रीडिंग के दौरान स्टोरी के थीम को समझने की कोशिश करें। साथ ही वड्र्स और सेंटेंसेज को समझने की कोशिश करें। किसी भी रीडिंग के दौरान स्टोरी के थीम को समझने की कोशिश करें। साथ ही वड्र्स और सेंटेंसेज को समझने की कोशिश करें। वोकाबुलरी की तैयारी के दौरान प्रत्येक सिटिंग में 49-50 शब्द याद करें और फिर हर दूसरे-तीसरे दिन उन्हें दोहराते भी रहें। जो वड्र्स याद न हो, उन्हें फिर से याद करने की कोशिश करें। ऐसे शब्दों को लिखकर दीवार पर टांग दें, ताकि नजर बार-बार उन पर जाए। इडियम्स ऐंड फे्रजैज पर खास घ्यान दें।
- जनरल नालेज में साइंस बैकग्राउंड वाले छात्रों के मुकाबले आट्र्स बैकग्राउंड के छात्रों को जनरल नालेज में अधिक मेहनत करने की जरूरत होती है। विज्ञान विषयों में कांसेप्ट क्लियर होना चाहिए, जबकि आट्र्स विषयों में सेलेक्टिव स्टडी फायदेमंद होती है। मॉडल प्रश्न-पत्र से यह आकलन किया जा सकता है कि किस सेक्शन से अधिक प्रश्न पूछे जाते है। करंट अफेयर्स की तैयारी विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और समाचार-पत्रों से नियमित रूप से करनी चाहिए। जनरल नालेज की तैयारी के लिए 11वीं - 12वीं स्तर की किताबों का अध्ययन ठीक ढंग से करें।
- टेस्ट के दौरान किसी भी प्रॉब्लम पर ज्यादा देर तक रूके रहना बहुमूल्य समय को बरबाद करना है। ऐसे में सबसे अच्छा तरीका यह है कि प्रश्न-पत्र को तीन राउंड से सॉल्व करें। पहले राउंड (10 से 12 मिनट) में सबसे आसान प्रश्नों को हल करें। साथ ही मार्क करते जाएं कि किन प्रश्नों को दूसरे राउंड में हल करना है। इस राउंड में कुछ मुश्किल प्रश्न हल हो जाएंगे। इसके बाद बचे हुए समय में यानी तीसरे राउंड में मुश्किल प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें।
- कोई जरूरी नहीं कि पूरे नियम से ही किसी प्रश्न का उत्तर ढूंढ़ा जाये। कई बार विकल्पों पर नजर डालने से भी आपको थोड़े से मेंटल कैलकुलेशन से उत्तर का पता चल जाता है। इससे मुश्किल सवालों को हल करने के लिए समय की बचत होती है। शार्टकट मेथड्स फायदेमंद होते है।
- प्रैक्टिस का फायदा तो होता ही है। इसलिए मॉडल प्रश्न-पत्रों को हल करने का अधिक से अधिक प्रयास करें।
- चूंकि सवाल 11 - 12वीं स्तर के होते हैं। इसलिए संबंधित सिलेबस की पढ़ाई शुरू से ही ठीक ढंग से करें।
- वर्बल एबिलिटी को इम्प्रूव करें। बेहतर अंक लाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

Its Not Over .........

Corona Impact in INDIA
देश में कोरोना से प्रभावित मरीज़ों की संख्या 40 हज़ार पार :-
राज्यों में मरीज़ों के दोगुने होने की रफ़्तार

ENGLISH WORLD
- अपने अज्ञान की सतत तलाश है शिक्षा :
- प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए नितांत आवश्यक है अंग्रेजी का ज्ञान :
जैसा की पहले ही बताया जा चूका है कि शिक्षा का मानव विकास में महत्त्व पूर्ण योगदान रहा है ,साथ ही परिवर्तन एक सहज प्रक्रिया है जो अनवरत चलती ही जारही है !
वर्तमान परिदृश्य में देखा जाये तो अंग्रेजी भाषा एक अति शिष्ट भाषा है ,जिसमे छोटी - छोटी बातो के लिए भी सम्बोधनों का प्रयोग निहित है ! इन सबके अलावा अंग्रेजी वैश्विक रूप से अंतर्राष्ट्रीय भाषा का दर्ज़ा प्राप्त किये हुए है ,जो कि न केवल भारत में बरन सम्पूर्ण विश्व में रोज़गारों के समुचित अवसर प्रदान करती है !
- उद्देश्य "सीखना" प्रयास है 'सिखाना ':
इस ब्लॉग के माध्यम से मै स्वयं कुछ नया सीखने का प्रयत्न कर रहा हु ,साथ ही आप सभी को जो कुछ भी थोड़ा बहुत इस विदेशी भाषा के बारे में जानता हु ,उसे इसको सीखने की इक्छा रखने वालो के साथ साझा कर 'सिखाने का प्रयास करूंगा ! मुझे आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि मेरे इस प्रयास को आप सभी अपने प्रेम एवं 'सराहना 'से सफल बनायेगे !
धन्यवाद !

MPPSC - 2019 Mains practice
20 में उत्तर लेखन अभ्यास :
प्रश्न-2 -शर्की सुल्तानों के शासन काल में किसे "पूर्व का सिराज "कहा जाता था ?
उत्तर -:"पूर्व का सिराज "जौनपुर " को कहा जाता था !
इब्राहिम शर्की (1402 -1440 )शर्की वंश का सबसे प्रमुख शाशक था !राजनैतिक क्षेत्रों में इसकी उपलब्धियां शून्य है ,किन्तु सांस्कृतिक क्षेत्रों में "जौनपुर " ने इसके समय में बहुत प्रगति की तथा "भारत का सिराज " कहलाने लगा !
प्रश्न 3 -अहमद नगर के निज़ाम शाही वंश का अंत कैसे हुआ ?
उत्तर :- अहमद नगर को मुग़ल साम्राज्य में मिला कर हुसैन शाह को आजीवन कारावास दिया गया !
" अहमद नगर का अंतिम शाहजादा था !१६३२ इसबी में शाहजहां ने महावत खान के नेत्तृत्व में "दौलताबाद दुर्ग "को जीतने हेतु एक सेना भेजी !अहमद खान के बजीर फ़तेह खा को रिश्वत देकर अहमद नगर के स्वतंत्र अस्तित्व को समाप्त कर उसे मुग़ल साम्राज्य में मिला लिया गया"!
प्रश्न 4 -:प्रसिद्द विजय विट्ठल मंदिर जिसके 56 तक्षित स्तम्भ संगीतमय स्वर (musical Nodes )निकलते है ,कहाँ अवस्थित है ?
उत्तर :- "हम्पी में " -- इस मंदिर का निर्माण विजयनगर साम्राज्य के "तुलुव वंश " के महा प्रतापी राजा कृष्णदेव राय (१५०९-१५२९ ईसा ०) के द्वारा हम्पी में करवाया गया था !इस मंदिर में स्थित ५६ तक्षित स्तम्भों की विशेषता यह है कि ,इनमे से संगीतमय स्वर निकलते है!
प्रश्न -5:"बहमनी" किसने की थी ?
उत्तर :- अलउद्दीन हसन ने " --- दक्षिण में "अमीराँन - ए -सदह "के विद्रोह के फलस्वरूप मुहम्मद बिन तुग़लक़ के समय में १३४७ ईसा ०में "बहमनी "सल्तनत की स्थापना हुई थी !बहमनी सल्तनत का संस्थापक "अलाउद्दीन हसन वहमन शाह (१३४७ से १३५८ ईसा ० )था !
प्रश्न 6 :-भक्त तुकाराम कौन से मुग़ल शासक के समकालीन थे ?
उत्तर :- "जहांगीर के " ---- जहांगीर का शासन काल 1605 से 1627 ई ० तक माना जाता है ,1627से 1658 तक शाहजहां का शासन काल माना जाता है !संत तुकाराम को शिवाजी का समकालीन भी माना जाता है !
मराठा भक्त संतों में तुकाराम का महत्त्व पूर्ण स्थान है !संत तुकाराम एक रहस्यवादी संत थे !
प्रश्न 7:- अंग्रेज़ों ने सूरत फैक्ट्री किसकी अनुमति से प्रारम्भ की थी ?
उत्तर :- जहांगीर की अनुमति से !
स्पष्टीकरण :- 06 फरवरी 1613 ईसा० को जहांगीर की ओर से जारी एक शाही फरमान द्वारा अंग्रेज़ों को सूरत में व्यापारिक कोठी स्थापित करने तथा मुग़ल दरवार में एक प्रतिनिधि रखने की अनुमति प्राप्त हो गई ! प्रश्न -8 :-अंग्रेजी शासन काल में भारत का कौन सा क्षेत्र अफीम उत्पादन हेतु प्रसिद्द था ?
उत्तर :- बिहार ०
प्रश्न 09:- उन्नीसवीं शताब्दी के दौरान होने वाले "वहाबी आंदोलन" का मुख्य केंद्र कहाँ था ?
उत्तर :- पटना !
स्पष्टीकरण :- वहाबी आंदोलन के संस्थापक अरब के अब्दुल बहाब 1703 -1787 थे ,भारत में इस आंदोलन के प्रचारक सैयद अहमद बरेल्बी थे !सय्यद अहमद पंजाब में सिक्खों को और बंगाल में अंग्रेज़ों को अपदस्थ कर मुस्लिम शक्ति की पुनर्स्थापना के लिए प्रेरित थे !सय्यद अहमद की मृत्यु के बाद पटना इस आंदोलन का प्रमुख केंद्र बना !
प्रश्न 10 :-हंटर कमीशन की रिपोर्ट में किस प्रकार की शिक्षा पर विशेष ज़ोर दिया गया था ?
उत्तर :- प्राथमिक शिक्षा पर ० !
स्पष्टीकरण :- हंटर कमीशन की सिफारिशें थी :-
प्राथमिक शिक्षा स्थानीय भाषा में हो !
उपयोगी विषयों में हो !
इसका नियंत्रण जिला एवं नगरीय बोर्डों को दिया जाये !
ज्ञातव्य है की इस आयोग को प्राथमिक शिक्षा के सम्बन्ध में सुझाव देने थे ,परन्तु इसने अपनी सिफारशो में हाई -स्कूलो में व्यव्सायिक शिक्षा की व्यवस्था एवं महिला शिक्षा के सम्वन्ध में सुझाव दिए थे !

अपनी गलती स्वयं खोजे
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